Pramod Pandey
Praveen Pourush

शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

कुम्भ मेला


कुम्भ मेला सबके लिए अलग अलग मायने रखता है .... संगम के किनारे आइये .... थोड़ी सी अपनी आँख खोलिए ...और थोडा सा विनम्र बनिए ... बांसुरी बेचने वाले लोगो से बात कीजिये .... आप को जानकार विस्मय होगा की लगभग ९० प्रतिशत से अधिक बांसुरी विक्रेता बिहार के छपरा जिले से आये हैं... इसके बाद ये लोग मध्य प्रदेश जायेंगे ... फिर राजस्थान ... फिर गुजरात .... केरल ..... जिन्दगी चलती रहती है ... एक बात और ये बांसुरी वाले चार से १० भाषाएँ जानते हैं ! ... बांसुरी के सुर के बारे में उनसे पूछिए जो बांसुरी बेचते हैं .....
Photo: कुम्भ मेला सबके लिए अलग अलग मायने रखता है .... संगम के किनारे आइये .... थोड़ी सी अपनी आँख खोलिए ...और थोडा सा विनम्र बनिए ... बांसुरी बेचने वाले लोगो से बात कीजिये .... आप को जानकार विस्मय होगा की लगभग ९० प्रतिशत से अधिक बांसुरी विक्रेता बिहार के छपरा जिले से आये हैं... इसके बाद ये लोग मध्य प्रदेश जायेंगे ... फिर राजस्थान ... फिर गुजरात .... केरल ..... जिन्दगी चलती रहती है ... एक बात और ये बांसुरी वाले चार से १० भाषाएँ जानते हैं ! ... बांसुरी के सुर के बारे में उनसे पूछिए जो बांसुरी बेचते हैं .....
 - By Rama Shanker Singh

2 टिप्‍पणियां:

  1. dear paramod I am in kumbha mela for one month and tracing these flute seller who are flute maker also. they have come for a better fortune on the sand of Ganges. they are living in penuries in their own villages. they are muslims. they make and sell flutes all the fairs of India. they have a lot of knowledge about india....

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